वायरस कैसे फैलता है?:
एक वायरस एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में तभी फ़ैल सकता है जब इसका होस्ट एक असंक्रमित कंप्यूटर में लाया जाता है। उदाहरण के लिए एक उपयोगकर्ता के द्वारा इसे एक नेटवर्क या इन्टरनेट पर भेजने से, या इसे हटाये जाने योग्य माध्यम जैसे फ्लॉपी डिस्क (floppy disk), CD (CD), या USB ड्राइव (USB drive) पर लाने से।
इसी के साथ वायरस एक ऐसे संचिका तंत्र या जाल संचिका प्रमाली (network file system) पर संक्रमित संचिकाओं के द्वारा दूसरे कम्पूटरों पर फ़ैल सकता है जो दूसरे कम्प्यूटरों पर भी खुल सकती हों। वायरस के फैलने के कई कारण होते हैं। इस वायरस का मुख्य कारण इस प्रकार है:
- इंटरनेट के द्वारा
- सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस के माध्यम से
- पायरेटेड सॉफ्टवेयर का उपयोग करना
- नेटवर्क सिस्टम के माध्यम से
Table of Contents
इंटरनेट के माध्यम से
आज इंटरनेट को वायरस के संक्रमण का मुख्य वाहक माना जाता है। आज सारी दुनिया इंटरनेट से जुड़ी हुई है और सूचनाओं का आदान-प्रदान भी अधिक है। आज वायरस फैलने का मुख्य कारण इंटरनेट है।
सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस के माध्यम से
जब किसी डेटा को सेकेंडरी कलेक्शन के माध्यम से ट्रांसमिट या कॉपी किया जाता है, तो उसका वायरस भी उसमें ट्रांसफर हो जाता है और यह इन्फेक्शन (वायरस) का कारण बनता है।
एक पायरेटेड सॉफ्टवेयर का उपयोग करना
जब सॉफ्टवेयर को अवैध रूप से अधिग्रहित किया जाता है, तो इसे चोरी सॉफ्टवेयर कहा जाता है।
नेटवर्क सिस्टम के माध्यम से
आज सभी कंप्यूटरों को एक दूसरे से जोड़ा जाता है और कंप्यूटर एक दूसरे से जुड़े होने के कारण, डेटा को आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है, फिर यह पूरे नेटवर्क पर वायरस के संक्रमण का कारण बनता है।
प्रकाशक की तरफ से
तो दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से वायरस के फैलने के कारन (वायरस कैसे फैलता है?) के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है और उम्मीद है कि इससे आपको कुछ जानकारी जरूर मिली होगी, और यह पोस्ट आपको वेहद ही पसंद आई होगी।
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